महाजनपद काल: 16 शानदार महाजनपदों का रहस्य

By: LM GYAN

On: 29 May 2025

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महाजनपद काल

महाजनपद काल का उदय

  • छठी शताब्दी ई.पू. को ज़्यादातर विद्वान भारतीय इतिहास के ऐतिहासिक काल की शुरुआत मानते हैं।
  • उत्तर वैदिक काल में कबीलों ने निश्चित ज़मीनों पर कब्ज़ा कर जनपद बनाए, जो आगे चलकर महाजनपदों में बदले।
  • इस दौर में शुरुआती राज्य, शहर, लोहे का बढ़ता इस्तेमाल, और सिक्कों का विकास हुआ।
  • बौद्ध और जैन धर्म के साथ कई दार्शनिक विचारधाराएँ पनपीं।
  • बौद्ध और जैन ग्रंथों में 16 महाजनपदों का ज़िक्र है।
  • ग्रंथों में नामों की सूची अलग-अलग है, लेकिन वज्जि, मगध, कौशल, कुरु, पांचाल, गांधार, और अवन्ति बार-बार आते हैं, यानी ये सबसे महत्वपूर्ण थे।
  • इस काल को “द्वितीय नगरीकरण” कहते हैं, पहला नगरीकरण सिन्धु घाटी सभ्यता थी।

जनपदीय राज्य

  • ई.पू. छठी शताब्दी में भारत में कई ताकतवर राज्य उभरे।
  • बौद्ध ग्रंथ अंगुत्तर निकाय और जैन ग्रंथ भगवती सूत्र में 16 महाजनपदों की लिस्ट मिलती है।
  • इनमें वज्जि और मल्ल गणतंत्र थे, बाकी राजतंत्र।
  • अंगुत्तर निकाय के 16 महाजनपद:

1. अंग

  • मगध के पूर्व में, आज का भागलपुर (बिहार)।
  • राजधानी: चम्पा, जिसे मालिनी भी कहते थे।
  • चम्पा वैभव और व्यापार के लिए मशहूर थी।

2. मगध

  • दक्षिण बिहार के पटना और गया जिले।
  • राजधानी: शुरू में राजगृह (गिरिव्रज), बाद में पाटलिपुत्र (पटना)।
  • बाद में उत्तर भारत का सबसे ताकतवर महाजनपद बना।

3. वज्जि

  • आठ जातियों का संघ: लिच्छवि, विदेह, और ज्ञातृक मुख्य।
  • राजधानी: वैशाली (लिच्छवियों की भी राजधानी)।
  • पहले राजतंत्र, बाद में गणतंत्र।

4. काशी

  • राजधानी: वाराणसी।
  • ब्रह्मदत्त राजाओं के समय खूब तरक्की की।
  • संभवतः काशी के राजाओं ने विदेह (गणराज्य) के पतन में बड़ी भूमिका निभाई।

5. कोशल

  • आज के अवध जैसा क्षेत्र।
  • राजधानी: श्रावस्ती। अन्य शहर: अयोध्या और साकेत (अब गोंडा, यूपी में सहेतमहेत)।
  • काशी के राजाओं से अक्सर झगड़ा रहता था।

6. मल्ल

  • दो शाखाएँ: एक की राजधानी कुशीनारा, दूसरी की पावा।
  • बुद्ध से पहले राजतंत्र, बाद में गणतंत्र।

7. चेदि

  • यमुना नदी के पास, बुंदेलखंड तक।
  • राजधानी: सोत्थिवती (केन नदी पर)।
  • मशहूर शासक: शिशुपाल, जिसे कृष्ण ने मारा।

8. वत्स

  • राजधानी: कौशाम्बी (इलाहाबाद से 30 मील, अब कोसम)।
  • बुद्धकाल में पौरव वंश, शासक उद्यन (बुद्ध का शिष्य)।
  • हस्तिनापुर के नष्ट होने पर निचक्षु ने कौशाम्बी को राजधानी बनाया।

9. कुरु

  • थानेसर, दिल्ली, मेरठ के इलाके।
  • राजधानी: हस्तिनापुर।
  • ज्यादा ताकतवर नहीं था।

10. पांचाल

  • बरेली, बदायूँ, फर्रुखाबाद (यूपी)।
  • दो हिस्से: उत्तर पांचाल (राजधानी अहिच्छत्र, बरेली के पास), दक्षिण पांचाल (राजधानी काम्पिल्य)।
  • मशहूर राजा: दुर्मुख।

11. शूरसेन

  • मथुरा के आसपास।
  • राजधानी: मथुरा (यूनानी लेखकों ने “मेथोरा” कहा)।
  • यादव कुल ने खूब नाम कमाया।
  • बुद्धकाल में राजा अवन्तिपुत्र, बुद्ध का प्रमुख शिष्य।

12. मत्स्य

  • जयपुर (राजस्थान) के आसपास।
  • राजधानी: विराटनगर, राजा विराट ने बनाया।

13. अश्मक

  • दक्षिण भारत का एकमात्र महाजनपद, गोदावरी नदी पर।
  • राजधानी: पोतन (पैठन)।

14. अवन्ति

  • मालवा के पश्चिमी भाग, विन्ध्याचल ने दो हिस्सों में बाँटा।
  • राजधानी: उत्तरी अवन्ति (उज्जयिनी), दक्षिणी अवन्ति (माहिष्मती)।
  • वत्स से अक्सर लड़ाई।
  • लोहे की प्रचुरता।

15. गांधार

  • पूर्वी अफगानिस्तान, कश्मीर, और पश्चिमी पंजाब के कुछ हिस्से।
  • राजधानी: तक्षशिला, व्यापार और शिक्षा का बड़ा केन्द्र।
  • पेशावर और रावलपिंडी शामिल।

16. कम्बोज

  • कश्मीर का दक्षिण-पश्चिम और काफिरिस्तान (कपिशा)।
  • राजधानी: हाटक।
  • शानदार घोड़ों के लिए मशहूर।

बुद्धकाल में प्रमुख राजतंत्र

  • बुद्ध के समय चार राजतंत्र सबसे ताकतवर थे:
    • अवन्ति
    • वत्स
    • कोशल
    • मगध

बुद्धकालीन गणतंत्र

  • 16 महाजनपदों में कई गणराज्य थे।
  • बुद्ध के समय 10 गणराज्य:
    • मगध: राजधानी गिरिव्रज (राजगृह)।
    • काशी: राजधानी वाराणसी।
    • वत्स: राजधानी कौशाम्बी।
    • अंग: राजधानी चम्पा।
    • कोशल: राजधानी श्रावस्ती/अयोध्या/साकेत।
    • वज्जि: राजधानी विदेह/मिथिला।
    • मल्ल: राजधानी कुशीनारा/पावा।
    • कम्बोज: राजधानी राजपुर/हाटक।
    • गांधार: राजधानी तक्षशिला।
    • शूरसेन: राजधानी मथुरा।
    • अश्मक: राजधानी पोतन/पैठन।
    • अवन्ति: राजधानी उज्जयिनी/माहिष्मती।
    • मत्स्य: राजधानी विराटनगर।
    • कुरु: राजधानी इन्द्रप्रस्थ।
    • चेदि: राजधानी सुक्ति (सुक्तिमती)।
    • पांचाल: राजधानी अहिच्छत्र/काम्पिल्य।

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