फलौदी जिला – संपूर्ण विवरण
फलौदी जिला राजस्थान के मरुस्थलीय क्षेत्र में स्थित एक महत्वपूर्ण जिला है। यह ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और भौगोलिक रूप से समृद्ध जिला है। इसे “राजस्थान का सॉइल टेस्टिंग लैब” भी कहा जाता है क्योंकि यहाँ की मिट्टी नमकयुक्त होती है और कृषि अनुसंधान के लिए उपयोगी है।
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भौगोलिक स्थिति
- देशांतर एवं अक्षांशीय विस्तार: 26.92° N, 72.36° E
- कुल क्षेत्रफल: लगभग 12,755 वर्ग किमी
- सीमाएँ:
- उत्तर में बीकानेर जिला
- दक्षिण में जोधपुर जिला
- पूर्व में नागौर जिला
- पश्चिम में जैसलमेर जिला एवं पाकिस्तान की सीमा
- जलवायु:
- यह राजस्थान के सबसे गर्म इलाकों में से एक है।
- ग्रीष्मकाल में तापमान 50°C तक पहुँच सकता है, जबकि सर्दियों में यह 5°C तक गिर सकता है।
- भूभाग:
- अधिकतर हिस्सा रेगिस्तान से घिरा हुआ है।
- यहाँ रेत के ऊँचे-ऊँचे टीले (धोरें) मिलते हैं।
स्थापना एवं भौगोलिक विशेषताएँ
- स्थापना: 1459 में सिंधु जी कला और सूजा (जोधा का पुत्र) द्वारा
- नामकरण: सिंधु जी कला की विधवा पुत्री फल्ला के नाम पर
- प्राचीन नाम: विजयपुर (पृथ्वीराज चौहान के समय)
- शुष्कता: राजस्थान का सबसे शुष्क जिला और भारत का सबसे गर्म स्थल
- जल संसाधन:
- खारे पानी की झीलें: बाप झील, फलौदी झील
- प्रमुख तालाब: मेघड़ा सर, जम्बोलाव सरोवर, शिवसर, रानीसर
- नदी: नदी-विहीन जिला
ऊर्जा संसाधन
- भड़ला सोलर पार्क:
- क्षमता: 2245 मेगावाट (भारत का सबसे बड़ा)
- शिलान्यास: 21 अगस्त 2013
- नोख सोलर पार्क: 925 मेगावाट
- बीथड़ी पवन ऊर्जा संयंत्र
- राज्य का पहला कोयला संयंत्र (बाप में स्थापित)
धार्मिक एवं सांस्कृतिक स्थल
(क) प्रमुख मंदिर
- लटियाल माता मंदिर:
- कल्ला ब्राह्मणों की कुलदेवी
- 1458 में सिंधु जी कला द्वारा निर्मित
- मेहाजी मांगलिया मंदिर (बापिणी):
- मारवाड़ के पंचपीर में से एक
- मेला: भाद्रपद कृष्ण अष्टमी (जन्माष्टमी)
- पाबूजी मंदिर (कोलूमण्ड):
- मारवाड़ के राठौड़ों के आदिपुरुष
- मेला: चैत्र अमावस्या
- शहीद स्थल: देचू गाँव
- हडबूजी सांखला मंदिर (बेंगटी):
- मारवाड़ शासक अजित सिंह द्वारा 1721 में निर्मित
- मेला: चैत्र व भाद्रपद में
(ख) अन्य धार्मिक स्थल
- रूपनाथजी/झरड़ा जी मंदिर: कोलूमण्ड में
- करणी माता जन्मस्थल: सुवाप गाँव
पारिस्थितिकी एवं वन्यजीव
- खींचन गाँव:
- कुरजां पक्षी (डेमोसिल क्रेन) के लिए प्रसिद्ध
- गिद्ध प्रजनन केंद्र
- बड़बेला तालाब: पक्षियों की आश्रयस्थली
- गोमट नस्ल के ऊँट: भार ढोने हेतु प्रसिद्ध
ऐतिहासिक स्थल
- फलौदी दुर्ग: 1459 में निर्मित
- बाप बोल्डर: पर्मियन-कार्बोनिफेरस युग की हिमानीकृत चट्टानें
- सेतरावा: पत्थर खनन का प्रमुख क्षेत्र (“छीण” पत्थर)
आर्थिक गतिविधियाँ
- कृषि:
- अश्वगंधा मंडी
- नारवाखिंचीयान गाँव: प्रस्तावित सीमन बैंक
- परिवहन:
- राष्ट्रीय राजमार्ग: NH-11, NH-125
- हवाई पट्टी: भारतीय वायुसेना का छठा एयरबेस
सांस्कृतिक विरासत
- थाली नृत्य: पाबूजी के भक्तों द्वारा
- मारवाड़ के पंचपीर:
- रामदेवजी
- हडबूजी
- मेहाजी मांगलिया
- पाबूजी
- गोगाजी
प्रमुख व्यक्तित्व
- मेजर शैतान सिंह भाटी:
- परमवीर चक्र विजेता (1962 भारत-चीन युद्ध)
- जन्म: 1 दिसंबर 1924 (फलौदी)
अन्य महत्वपूर्ण तथ्य
- लॉर्डिया गाँव: “न्यू अमेरिका” के नाम से प्रसिद्ध (रेगिस्तानीकरण से प्रभावित)
- रन/टाट: परम्परागत जल संरक्षण की प्राकृतिक विधि
- बाप रन, फलौदी रन
निष्कर्ष
फलौदी जिला अपनी ऊर्जा सम्पदा (सौर ऊर्जा), धार्मिक विविधता और मरुस्थलीय पारिस्थितिकी के लिए प्रसिद्ध है। भड़ला सोलर पार्क, पाबूजी की फड़ और खींचन के प्रवासी पक्षी इसकी विशिष्ट पहचान हैं। साथ ही, यह जिला राजस्थान की सांस्कृतिक धरोहर और सैन्य वीरता का प्रतीक भी है।