राजस्थान के प्रमुख दुर्ग: शौर्य और वैभव की अमिट पहचान

By LM GYAN

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राजस्थान के प्रमुख दुर्ग

राजस्थान के प्रमुख दुर्ग: राजस्थान, जिसे ‘राजाओं की भूमि’ कहा जाता है, अपने भव्य किलों और दुर्गों के लिए विश्व प्रसिद्ध है। ये किले राजस्थान के गौरवशाली इतिहास, वीरता और शिल्पकला के अद्भुत नमूने हैं। हर जिले में स्थित ये किले अपनी अलग विशेषताओं के कारण महत्वपूर्ण हैं। आइए, जानते हैं राजस्थान के प्रमुख किलों के बारे में।

राजस्थान के प्रमुख दुर्ग: प्रकार, इतिहास एवं महत्व

दुर्गों का ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य

  • सिंधु घाटी सभ्यता में सर्वप्रथम दुर्ग के अवशेष मिले हैं, जहाँ नगर के दो भाग थे:
    • दुर्गीकृत (सुरक्षित क्षेत्र)
    • अदुर्गीकृत (सामान्य निवास क्षेत्र)
  • दुर्गों का निर्माण राजाओं की सुरक्षा, खजाने की रक्षा एवं सैन्य व्यवस्था के लिए किया जाता था।
  • इनमें राशन, जल भंडार, महल, शस्त्रागार, तालाब एवं सैन्य छावनियाँ होती थीं।

दुर्गों का वर्गीकरण

(A) राजस्थान में दुर्गों की श्रेणियाँ:

  1. किला (Good) – सामान्य सुरक्षा व्यवस्था।
  2. गढ़ (Better) – किले से बेहतर, पर दुर्ग से निम्न।
  3. दुर्ग (Best) – उच्च स्तरीय सुरक्षा एवं व्यवस्था।

(B) प्राचीन ग्रंथों के अनुसार वर्गीकरण:

ग्रंथप्रकारश्रेष्ठ दुर्ग
मनुस्मृति6 प्रकार (जल, गिरि, वन, नृ, मही, धानु)गिरि दुर्ग
कौटिल्य का अर्थशास्त्र4 प्रकार (औदुक, पार्वत, धान्वन, वन)पार्वत दुर्ग
शुक्रनीति9 प्रकार (जल, गिरि, वन, धान्वन, सैन्य आदि)सैन्य दुर्ग

शुक्रनीति के अनुसार 9 प्रकार के दुर्ग

शुक्राचार्य द्वारा रचित शुक्रनीति में दुर्गों को 9 प्रमुख श्रेणियों में बाँटा गया है। इनमें सैन्य दुर्ग (नर दुर्ग) को सर्वश्रेष्ठ माना गया है।


1. औदुक दुर्ग (जल दुर्ग)
  • विशेषता: चारों ओर जल (नदी, झील या खाई) से घिरा होता है।
  • उदाहरण:
    • गागरोन दुर्ग (झालावाड़) – काली सिंध व आहू नदियों के संगम पर।
    • भैंसरोड़गढ़ (चित्तौड़गढ़) – बनास नदी के किनारे।

2. गिरि दुर्ग (पार्वत दुर्ग)
  • विशेषता: ऊँची पहाड़ियों पर निर्मित, प्राकृतिक सुरक्षा युक्त।
  • उदाहरण:
    • चित्तौड़गढ़ (राजस्थान का सबसे बड़ा लिविंग फोर्ट)।
    • रणथंभौर (सवाई माधोपुर)।
    • मेहरानगढ़ (जोधपुर)।

3. वन दुर्ग (मेवास दुर्ग)
  • विशेषता: घने जंगलों से घिरा, छिपाव योग्य।
  • उदाहरण:
    • सिवाणा दुर्ग (बाड़मेर)।

4. एरण दुर्ग (मिश्रित दुर्ग)
  • विशेषता: गिरि + वन दुर्ग का संयुक्त रूप, खाई व पत्थरों से सुरक्षित।
  • उदाहरण:
    • रणथंभौर दुर्ग (कुछ भाग वन से घिरा)।

5. पारिख दुर्ग (खाई युक्त दुर्ग)
  • विशेषता: चारों ओर गहरी खाई खुदी होती है।
  • उदाहरण:
    • भरतपुर दुर्ग
    • लोहागढ़ दुर्ग (भरतपुर)।

6. पारिध दुर्ग (प्राचीर युक्त दुर्ग)
  • विशेषता: ऊँची दीवारों (परकोटा) से सुरक्षित।
  • उदाहरण:
    • जैसलमेर दुर्ग
    • बीकानेर दुर्ग

7. धान्वन दुर्ग (मरु दुर्ग)
  • विशेषता: रेगिस्तानी क्षेत्र में निर्मित।
  • उदाहरण:
    • सोनारगढ़ (जैसलमेर)।

8. सैन्य दुर्ग (नर दुर्ग)
  • विशेषता (शुक्रनीति में सर्वश्रेष्ठ): स्थायी सेना, रणनीतिक महत्व।
  • उदाहरण:
    • चित्तौड़गढ़ (मेवाड़ की सेनाएँ तैनात)।
    • मेहरानगढ़ (राठौड़ सैन्य केंद्र)।

9. स्थल दुर्ग (समतल भूमि पर दुर्ग)
  • विशेषता: मैदानी क्षेत्र में बना, कम प्राकृतिक सुरक्षा।
  • उदाहरण:
    • आमेर दुर्ग (जयपुर)।

महत्वपूर्ण तथ्य:

  • सर्वश्रेष्ठ दुर्ग: शुक्रनीति के अनुसार सैन्य दुर्ग (क्योंकि इसमें स्थायी सेना तैनात रहती है)।
  • राजस्थान में सबसे अधिक संख्या: गिरि दुर्ग (पहाड़ियों पर बने)।

राजस्थान के दुर्गों से जुड़े रिकॉर्ड

  • सर्वाधिक दुर्ग: महाराष्ट्र (प्रथम), मध्य प्रदेश (द्वितीय), राजस्थान (तृतीय)।
  • राजस्थान में सर्वाधिक दुर्ग: जयपुर जिले में।
  • सबसे प्राचीन दुर्ग: भटनेर (हनुमानगढ़, 3री सदी)।
  • सबसे नवीन दुर्ग: मोहनगढ़ (जैसलमेर)।
  • सबसे बड़ा लिविंग फोर्ट: चित्तौड़गढ़।
  • सर्वाधिक बुर्ज वाला दुर्ग: सोनारगढ़ (99 बुर्ज)।

यूनेस्को विश्व धरोहर सूची में शामिल दुर्ग (2013)

  1. चित्तौड़गढ़
  2. कुंभलगढ़ (राजसमंद)
  3. गागरोन (झालावाड़)
  4. जैसलमेर
  5. रणथंभौर (सवाई माधोपुर)
  6. आमेर (जयपुर)
    (ट्रिक: “चीकू, गाजर, आम”)

विशेष तथ्य

  • राणा कुंभा को “राजस्थान की स्थापत्य कला का जनक” माना जाता है। उन्होंने मेवाड़ के 84 में से 32 दुर्गों का निर्माण करवाया।
  • मुगल शैली का एकमात्र दुर्ग: मैग्जीन का किला (अजमेर)।
  • अंग्रेजों द्वारा निर्मित दुर्ग: बोरासवाड़ा/टॉडगढ़ (अजमेर)।
  • मारवाड़ के नवकोटी दुर्ग: मालदेव द्वारा निर्मित 9 प्रमुख दुर्ग।

राजस्थान के प्रमुख दुर्ग

  1. चित्तौड़गढ़ दुर्ग:
    • राजस्थान का सबसे विशाल और प्राचीन दुर्ग, मौर्य काल में राजा चित्रांगद ने बनवाया।
    • इतिहास की प्रमुख लड़ाइयाँ, जैसे अकबर के आक्रमण और जौहर की घटनाएँ, यहीं हुईं।
    • 2013 में इसे यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल घोषित किया गया।
  2. अजयमेरू दुर्ग (तारागढ़):
    • अजमेर के संस्थापक राजा अजयराज द्वारा बनवाया गया।
    • राणा रायमल के युवराज पृथ्वी राज ने इसे तारागढ़ नाम दिया।
    • इसे “राजस्थान का जिब्राल्टर” कहा जाता है।
  3. तारागढ़ दुर्ग (बूंदी):
    • यह दुर्ग “गर्भ गुंजन तोप” के लिए प्रसिद्ध है।
    • भीम बुर्ज और रानी जी की बावड़ी यहाँ स्थित हैं।
    • रंग विलास चित्रशाला का निर्माण उम्मेद सिंह हाड़ा ने किया।
  4. रणथम्भौर दुर्ग (सवाई माधोपुर):
    • यह दुर्ग चौहान शासकों द्वारा आठवीं शताब्दी में बनवाया गया।
    • 1301 में अलाउद्दीन खिलजी द्वारा आक्रमण, और यहाँ जौहर की पहली घटना हुई।
    • किले में हम्मीर महल, जैन मंदिर और बत्तीस खंभों की छतरी जैसे प्रमुख स्थल हैं।
  5. मेहरानगढ़ दुर्ग (जोधपुर):
    • राठौड़ों के शौर्य का प्रतीक, 1459 में राव जोधा द्वारा निर्मित।
    • किले में चामुण्डा माता मंदिर और मोती महल जैसी प्रमुख संरचनाएँ हैं।
    • किले की प्रमुख तोपों में किलकिला, गजनी खां और भवानी शामिल हैं।
  6. सोनारगढ़ दुर्ग (जैसलमेर):
    • 1155 में राव जैसल भाटी द्वारा निर्मित।
    • यह दुर्ग पीले पत्थरों से निर्मित है और “स्वर्णगिरि” के नाम से प्रसिद्ध है।
    • किले में 99 बुर्ज हैं और 2005 में इसे विश्व धरोहर स्थल में शामिल किया गया।
  7. मैग्जीन दुर्ग (अजमेर)
    • यह दुर्ग स्थल श्रेणी का है।
    • मुगल सम्राट अकबर द्वारा निर्मित है।
    • इस दुर्ग को “अकबर का दौलतखाना” के रूप में जाना जाता है।
    • पूर्णतः मुस्लिम स्थापत्य कला पर आधारित है।
    • सर टॉमस ने सन् 1616 ई. में जहांगीर को अपना परिचय पत्र इसी दुर्ग में प्रस्तुत किया।
  8. आमेर दुर्ग-आमेर (जयपुर)
    • यह गिरी श्रेणी का दुर्ग है।
    • इसका निर्माण 1150 ई. में दुल्हराय कच्छवाह ने करवाया।
    • यह किला मंदिरों के लिए प्रसिद्ध है:
      1. शीला माता का मंदिर
      2. सुहाग मंदिर
      3. जगत सिरोमणि मंदिर
    • प्रमुख महल:
      1. शीश महल
      2. दीवान-ए-खाश
      3. दीवान-ए-आम
    • मावठा तालाब और दिलारान का बाग सौंदर्य को बढ़ाते हैं।
    • ‘दीवान-ए-आम’ का निर्माण मिर्जा राजा जय सिंह द्वारा किया गया।
  9. जयगढ दुर्ग (जयपुर)
    • यह दुर्ग चिल्ह का टिला नामक पहाड़ी पर बना हुआ है।
    • इस दुर्ग का निर्माण मिर्जा राजा जय सिंह ने करवाया।
    • यहाँ तोप ढ़ालने का कारखाना स्थित है।
    • सवाई जय सिंह निर्मित जयबाण तोप सबसे बड़ी तोप मानी जाती है।
    • आपातकाल के दौरान इंदिरा गांधी ने खजाने की प्राप्ति के लिए खुदाई करवाई।
    • विजयगढ़ी भवन कच्छवाह शासकों की शान है।
  10. नाहरगढ़ दुर्ग (जयपुर)
    • इस दुर्ग का निर्माण 1734 में सवाई जय सिंह ने किया।
    • किले के भीतर विद्यमान सुदर्शन कृष्ण मंदिर दुर्ग का पूर्व नाम सूदर्शनगढ़ है।
    • राव माधों सिंह ने अपनी नौ प्रेयसियों के लिए किले का निर्माण करवाया।
    • यहाँ जैविक उद्यान स्थित है।
  11. गागरोण दुर्ग (झालावाड़)
    • गागरोण दुर्ग जल श्रेणी का दुर्ग है, यह कालीसिन्ध और आहू नदियों के संगम पर स्थित है।
    • इसका निर्माण डोड राजा बीजलदेव ने बारहवीं सदी में करवाया।
    • गागरोण में मुस्लिम संत पीर मिट्ठे साहब की दरगाह भी है।
    • प्रमुख दर्शनीय स्थल:
      1. संत पीपा की छत्तरी
      2. मिट्ठे साहब की दरगाह
  12. कुम्भलगढ़ दुर्ग (राजसमंद)
    • यह दुर्ग गिरी श्रेणी का है और महाराणा कुम्भा द्वारा 1505 ई. में बनवाया गया।
    • इसे मेवाड़ की आँख कहा जाता है।
    • कुम्भलगढ़ दुर्ग के चारों ओर 36 किलोमीटर लंबी दीवार है।
    • इसे ‘भारत की महान दीवार’ भी कहा जाता है।
    • यहाँ महाराणा कुम्भा का निवास स्थान “कटारगढ़” स्थित है।
  13. बयाना दुर्ग (भरतपुर)
    • यह दुर्ग गिरी श्रेणी का है और विजयपाल सिंह यादव द्वारा बनवाया गया।
    • प्रमुख दर्शनीय स्थल:
      1. भीमलाट स्तम्भ
      2. विजयस्तम्भ
      3. ऊषा मंदिर
  14. सिवाणा दुर्ग (बाड़मेर)
    • यह गिरी और वन दोनों श्रेणियों का दुर्ग है।
    • सिवाणा दुर्ग में दो साके हुए:
      1. 1308 में शीतलदेव चैहान के समय अलाउद्दीन खिलजी का आक्रमण।
      2. 1565 में वीर कल्ला राठौड़ के समय अकबर से सहायता प्राप्त आक्रमण।
  15. जालौर दुर्ग (जालौर)
    • यह गिरी श्रेणी का दुर्ग है और परमार शासकों द्वारा निर्मित है।
    • साका:
      • 1311 ई. में कान्हड देव चैहान के समय अलाउद्दीन खिलजी ने आक्रमण किया।
  16. मंडरायल दुर्ग (सवाई माधोपुर)
    • “ग्वालियर दुर्ग की कुंजी” कहा जाता है।
    • मर्दान शाह की दरगाह के लिए प्रसिद्ध है।
  17. भैंसरोड़गढ़ दुर्ग (चित्तौड़गढ़)
    • बामणी और चम्बल नदियों के संगम पर स्थित है।
    • “राजस्थान का वेल्लोर” कहा जाता है।
    • निर्माताः भैसाशाह।
  18. मांडलगढ़ दुर्ग (भीलवाड़ा)
    • निर्माण महाराणा कुम्भा ने किया।
    • जल श्रेणी का दुर्ग है।
    • बनास, बेडच और मेनाल नदियों के संगम पर स्थित।
  19. भटनेर दुर्ग (हनुमानगढ़)
    • निर्माण भाटी राजा भूपत ने 285 ई. में किया।
    • “उत्तरी सीमा का प्रहरी” कहा जाता है।
    • तैमूरलंग ने इसे “सबसे सुरक्षित किला” कहा था।
  20. भरतपुर दुर्ग (भरतपुर)
    • निर्माण राजा सूरजमल ने 1733 में किया।
    • मिट्टी से निर्मित और अजेयता के लिए प्रसिद्ध।
    • मोती महल, जवाहर बुर्ज, और फतेह बुर्ज।
  21. चुरू का किला (चुरू)
    • धान्व श्रेणी का दुर्ग है।
    • निर्माण ठाकुर कुशाल सिंह ने किया।
  22. जूनागढ़ दुर्ग (बीकानेर)
    • बीकानेर के रायसिंह ने बनवाया।
    • मुगल शैली का समन्वय।
    • प्रमुख स्थल: हेरम्भ गणपति मंदिर, अनूपसिंह महल।
  23. नागौर दुर्ग (नागौर)
    • निर्माण सोमेश्वर ने किया।
    • “नागदुर्ग” और “नागाणा” उपनामों से प्रसिद्ध है।
    • अमर सिंह राठौड़ की वीर गाथाएं जुड़ी हैं।
  24. अचलगढ़ दुर्ग (सिरोही)
    • 900 ई. में परमार वंश द्वारा निर्माण।
    • “आबू का किला” के नाम से प्रसिद्ध।
    • प्रमुख स्थल: अचलेश्वर महादेव मंदिर, भंवराथल।
  25. शेरगढ़ दुर्ग (धौलपुर)
    • निर्माण कुशाण वंश ने किया।
    • शेरशाह सूरी ने पुनर्निर्माण कर शेरगढ़ नाम दिया।
  26. शेरगढ़ दुर्ग (बांरा)
    • परवन नदी के किनारे स्थित है।
    • “कोशवर्धन दुर्ग” के नाम से भी प्रसिद्ध है।
  27. चैमू का किला (जयपुर)
    • निर्माण ठाकुर कर्णसिंह ने किया।
    • उपनाम: चैमूहांगढ़, धाराधारगढ़।
  28. कांकणबाडी का किला (अलवर)
    • औरंगजेब ने दाराशिकोह को यहाँ कैद किया था।
  29. कोटड़ा का किला (बाड़मेर)
    • धान्व श्रेणी का किला है।
  30. खण्डार दुर्ग (सवाई माधोपुर)
    • शारदा तोप यहाँ स्थित है।
  31. माधोराजपुरा का किला (जयपुर)
    • किला जयपुर जिले में स्थित है।
  32. कंकोड/कनकपुरा का किला (टोंक)
    • किला टोंक जिले में स्थित है।
  33. शाहबाद दुर्ग (बांरा)
    • नवलवान तोप यहाँ स्थित है।
  34. बनेड़ा दुर्ग (भीलवाड़ा)
    • किला भीलवाड़ा में स्थित है।
  35. बाला दुर्ग (अलवर)
    • किला अलवर जिले में स्थित है।
  36. बसंतगढ़ किला (सिरोही)
    • किला सिरोही जिले में स्थित है।
  37. तिमनगढ़ किला (करौली)
    • किला करौली जिले में स्थित है।

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