सवाई माधोपुर जिला दर्शन (Sawai Madhopur Jila Darshan)

By: LM GYAN

On: 3 April 2025

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सवाई माधोपुर जिला दर्शन

सवाई माधोपुर जिले का संपूर्ण विवरण

सवाई माधोपुर जिला राजस्थान के पूर्वी भाग में स्थित है और यह रणथंभौर राष्ट्रीय उद्यान, रणथंभौर किला और गणेश मंदिर के लिए प्रसिद्ध है। यह जिला अपने वन्यजीव अभयारण्यों, बाघों और ऐतिहासिक किलों के कारण विश्व प्रसिद्ध पर्यटन स्थल है।

भौगोलिक स्थिति

  • देशांतर एवं अक्षांशीय विस्तार: 26.02° N, 76.34° E
  • कुल क्षेत्रफल: लगभग 10,527 वर्ग किमी
  • सीमाएँ:
    • उत्तर में दौसा और करौली जिले
    • दक्षिण में कोटा और बूंदी जिले
    • पूर्व में धौलपुर और करौली जिले
    • पश्चिम में टोंक जिला
  • जलवायु:
    • गर्मियों में तापमान 45°C तक और सर्दियों में 5°C तक गिर सकता है।
  • भूभाग:
    • जिले में अरावली पर्वत और चंबल नदी का मैदान शामिल है।

स्थापना एवं भौगोलिक परिचय

  • शुभंकर: बाघ (रणथंभौर राष्ट्रीय उद्यान के कारण)
  • स्थापना: 1763 में सवाई माधोसिंह प्रथम द्वारा
  • भौगोलिक क्षेत्र:
  • पूर्वी मैदानी प्रदेश
  • डांग/बीहड़ क्षेत्र
  • प्रमुख वनस्पति: पतझड़ी वन
  • ऊँचाई: समुद्र तल से लगभग 250-500 मीटर

ऐतिहासिक विरासत

(क) चौहान वंश का शासन
  • गोविंदराज चौहान (1194 ई.) ने रणथंभौर में चौहान वंश की स्थापना की
  • हम्मीरदेव चौहान:
  • 1290 ई. में जलालुद्दीन खिलजी को पराजित किया
  • रणथंभौर का युद्ध (1301 ई.): अलाउद्दीन खिलजी से युद्ध, राजस्थान का प्रथम साका (जल जौहर)
  • “कोटिजन युक्त यज्ञ” का आयोजन
(ख) प्रमुख किले
  1. रणथंभौर किला:
  • निर्माण: 994 ई. में रणथम्मन देव द्वारा
  • विशेषता:
    • यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल (2013)
    • अबुल फजल ने इसे “बख्तरबंद दुर्ग” कहा
    • त्रिनेत्र गणेश मंदिर: शादी के निमंत्रण भेजने की परंपरा
  • झाइन का किला: रणथंभौर की “कुंजी” कहलाता है
  1. खंडहर किला:
  • अष्टधातु से निर्मित शारदा तोप
  • राम कुंड व लक्ष्मण कुंड स्थित
  1. सिवाड़ का किला: घुश्मेश्वर ज्योतिर्लिंग के निकट

प्राकृतिक संपदा

(क) राष्ट्रीय उद्यान एवं अभयारण्य
  1. रणथंभौर राष्ट्रीय उद्यान:
  • स्थापना:
    • 1955: अभयारण्य
    • 1973: भारत की पहली टाइगर परियोजना
    • 1980: राजस्थान का पहला राष्ट्रीय उद्यान
  • विशेषता:
    • विंध्याचल व अरावली पर्वतमाला का संगम
    • बाघों की उच्चतम घनत्व
  1. सवाई मानसिंह अभयारण्य (1984): चीतल, सांभर के लिए प्रसिद्ध
  2. चंबल घड़ियाल अभयारण्य: लुप्तप्राय घड़ियालों का संरक्षण
(ख) नदियाँ एवं जलाशय
  • चंबल नदी: रामेश्वर घाट पर त्रिवेणी संगम (चंबल+बनास+सीप)
  • बनास नदी: ईसरदा बांध (कॉपर डैम)
  • मोरेल नदी: राजस्थान का सबसे बड़ा मिट्टी का बांध

धार्मिक एवं सांस्कृतिक स्थल

  • घुश्मेश्वर ज्योतिर्लिंग (सिवाड़): 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक
  • काला-गोरा भैरव मंदिर: तंत्र विद्या का केंद्र
  • हिचकी माता मंदिर (सनवाड़): मन्नत पूरी होने पर हिचकी आने की मान्यता
  • चौथ का बरवाड़ा मेला: माघ कृष्ण तृतीया से अष्टमी तक

कला एवं शिल्प

  • बांसटोरड़ा: संगमरमर की मूर्तियों के लिए प्रसिद्ध
  • श्यामोता गाँव: मिट्टी के खिलौने व बर्तन
  • हेला ख्याल: लोक नाट्य शैली

आर्थिक महत्व

  • खनिज: चौथ का बरवाड़ा में सीसा-जस्ता के भंडार
  • कृषि: अमरूद के लिए प्रसिद्ध (“अमरूदों की नगरी”)
  • पर्यटन: रणथंभौर वन्यजीव पर्यटन

अन्य तथ्य

  • कुकराज घाटी: कुत्ते की छतरी स्थित
  • कोल माहौली: महत्वपूर्ण पुरातात्विक स्थल
  • हीरामन का मेला: स्थानीय पशु मेला

सवाई माधोपुर अपनी ऐतिहासिक गौरवगाथा, वन्यजीव संपदा, धार्मिक स्थलों और हस्तशिल्प के लिए प्रसिद्ध है। रणथंभौर किला व राष्ट्रीय उद्यान इसकी पहचान हैं, जबकि त्रिवेणी संगम व घुश्मेश्वर ज्योतिर्लिंग धार्मिक महत्व रखते हैं। यह जिला राजस्थान के पर्यटन मानचित्र पर एक प्रमुख स्थान रखता है।

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