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सिंधु घाटी सभ्यता: खोज एवं प्रमाण

सिंधु घाटी सभ्यता

सिंधु घाटी सभ्यता

प्रारंभिक खोज

Table of Contents

सभ्यता के नामकरण

  1. हड़प्पा सभ्यता – प्रथम खोज स्थल के आधार पर
  2. सिंधु सभ्यता – जॉन मार्शल द्वारा दिया गया नाम (अधिकांश नगर सिंधु नदी के किनारे)
  3. सिंधु-सरस्वती सभ्यता – सिंधु व सरस्वती नदियों के तट पर स्थित
  4. नगरीय सभ्यता – भारत में प्रथम नगरों की स्थापना (गार्डेन चाइल्ड द्वारा “प्रथम नगरीय क्रांति” कहा गया)
  5. काँस्य युगीन सभ्यता – ताँबे में टिन मिलाकर काँसा तैयार करना (8:1 अनुपात)

सिंधु घाटी सभ्यता के निर्माता

  1. प्रोटो-आस्ट्रेलियड:
  1. भू-मध्य सागरीय/द्रविड़:
  1. मंगोलॉयड:
  1. अल्पाइन:

काल निर्धारण

विद्वानों के अनुसार कालक्रम:

विद्वानकाल सीमा (ई.पू.)
माधवस्वरूप वसु3500-2500
जॉन मार्शल3250-2700
आर.के. मुखर्जी3200-2700
अर्नेस्ट मैके2800-2500
मार्टिमर व्हीलर2500-1500
रोमिला थापर2300-1750
धर्मपाल अग्रवाल2300-1700
कार्बन-142350-1750

सिंधु घाटी सभ्यता के चरण:

  1. पूर्व हड़प्पा काल (3500-2500 ई.पू.):
  1. परिपक्व हड़प्पा काल (2600-1900 ई.पू.):
  1. उत्तर हड़प्पा काल (1900-1300 ई.पू.):

सिंधु घाटी सभ्यता की उत्पत्ति के सिद्धांत

1. विदेशी उत्पत्ति (सुमेरियन सभ्यता से)

2. स्वदेशी उत्पत्ति

सिंधु घाटी सभ्यता का विस्तार

प्रमुख स्थल:

स्थलस्थानविशेषता
माण्डाजम्मू-कश्मीर (चिनाब नदी)सबसे उत्तरी स्थल (1982 में जगपति जोशी द्वारा खोज)
दैमाबादमहाराष्ट्र (प्रवरा नदी)सबसे दक्षिणी स्थल, काँस्य रथ प्राप्त
आलमगीरपुरउत्तर प्रदेश (हिंडन नदी)सबसे पूर्वी स्थल, रोटी बेलने का पाटा मिला
सुत्कागेंडोरबलूचिस्तान (दाशक नदी)सबसे पश्चिमी स्थल (1927 में मार्क ऑरेलस्टाइन द्वारा खोज)

हड़प्पा सभ्यता की प्रमुख विशेषताएँ

1. नगरीय सभ्यता

2. व्यापार व वाणिज्य

3. पशुपालन

4. कृषि व्यवस्था

5. सामाजिक व्यवस्था

6. अंतिम संस्कार प्रथाएँ

  1. पूर्ण समाधिकरण (मुस्लिम शैली)
  2. आंशिक समाधिकरण (पारसी शैली)
  3. दाह संस्कार (हिंदू शैली)

7. लिपि व लेखन

8. शांतिप्रिय समाज

9. धार्मिक विश्वास

10. प्रशासनिक व्यवस्था

11. कला व शिल्प

हड़प्पा सभ्यता के पतन के कारण

प्रमुख सिद्धांत एवं समर्थक विद्वान

1. आर्य आक्रमण सिद्धांत

2. बाढ़ एवं जलवायु परिवर्तन

3. सूखा एवं जलवायु परिवर्तन

4. महामारी

5. नदियों का मार्ग परिवर्तन

6. भूगर्भिक परिवर्तन/भूकंप

7. प्रशासनिक शिथिलता

8. व्यापारिक गतिरोध

9. अन्य सिद्धांत

विद्वानों के मतों का तुलनात्मक विश्लेषण

क्रमपतन का कारणप्रमुख समर्थकप्रमुख प्रमाण
1आर्य आक्रमणव्हीलर, पिग्गटनरकंकाल, वैदिक उल्लेख
2बाढ़मार्शल, मैकेबहुस्तरीय पुनर्निर्माण
3सूखाघोष, अग्रवालसरस्वती नदी का सूखना
4महामारीकैनेडीकंकालों पर रोग चिह्न
5नदी मार्ग परिवर्तनवत्स, डेल्सहड़प्पा-कालीबंगा का परित्याग
6भूकंपसाहनी, रेइक्सभवनों में दरारें
7प्रशासनिक विफलतामार्शलनगर योजना का पतन
8व्यापार गतिरोधअल्ब्राइटमेसोपोटामिया संपर्क में कमी

निष्कर्ष

हड़प्पा सभ्यता का पतन किसी एक कारण से नहीं, बल्कि अनेक कारकों के सम्मिलित प्रभाव से हुआ प्रतीत होता है। अधिकांश विद्वानों का मानना है कि जलवायु परिवर्तन, नदियों के मार्ग परिवर्तन और आर्थिक गिरावट जैसे कारकों ने मिलकर इस सभ्यता के पतन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। आर्य आक्रमण का सिद्धांत वर्तमान में कम मान्य है।

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