उत्तराखंड, जिसे देवभूमि के नाम से भी जाना जाता है, उत्तर भारत में हिमालय की गोद में बसा एक खूबसूरत राज्य है। 9 नवंबर 2000 को उत्तर प्रदेश से अलग होकर भारत के 27वें राज्य के रूप में स्थापित, उत्तराखंड अपनी प्राकृतिक सुंदरता, धार्मिक तीर्थस्थलों, और सांस्कृतिक धरोहर के लिए प्रसिद्ध है। देहरादून इसकी अंतरिम राजधानी और सबसे बड़ा शहर है, जबकि भराड़ीसैंण (गैरसैण) को भविष्य की राजधानी के रूप में प्रस्तावित किया गया है। यह लेख उत्तराखंड के इतिहास, भूगोल, संस्कृति, अर्थव्यवस्था, और पर्यटन का विस्तृत अवलोकन प्रस्तुत करता है, जिसमें केदारनाथ, बद्रीनाथ, गंगोत्री, यमुनोत्री, और जिम कॉर्बेट राष्ट्रीय उद्यान जैसे आकर्षण शामिल हैं।
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उत्तराखंड की अवस्थिति और बुनियादी जानकारी
- निर्देशांक: 30°20′N 78°04′E
- राष्ट्र: भारत
- क्षेत्र: उत्तर भारत
- गठन: 9 नवंबर 2000
- राजधानी: देहरादून (शीतकालीन), भराड़ीसैंण (ग्रीष्मकालीन, प्रस्तावित)
- सबसे बड़ा शहर: देहरादून
- जिले: 13
- शासन:
- राज्यपाल: गुरमीत सिंह (लेफ्टिनेंट जनरल)
- मुख्यमंत्री: पुष्कर सिंह धामी (BJP)
- विधानमंडल: एकसदनीय
- विधान सभा: 70 सीटें
- संसदीय प्रतिनिधित्व:
- लोक सभा: 5 सीटें
- राज्य सभा: 3 सीटें
- उच्च न्यायालय: उत्तराखंड उच्च न्यायालय (नैनीताल)
- क्षेत्रफल:
- कुल: 53,483 किमी² (20,650 वर्गमील)
- क्षेत्र पद: 19वाँ
- जनसंख्या (2011):
- कुल: 10,086,292
- पद: 21वाँ
- घनत्व: 189 प्रति किमी²
- शहरी: 30.23%
- ग्रामीण: 69.77%
- भाषाएँ:
- आधिकारिक: हिंदी, संस्कृत
- प्रमुख बोलियाँ: गढ़वाली, कुमाऊँनी, जौनसारी
- समय मंडल: भारतीय मानक समय (UTC+05:30)
- ISO 3166 कोड: IN-UK
- वाहन पंजीकरण: UK
- मानव विकास सूचकांक (2019): 0.684 (मध्यम, 18वाँ)
- साक्षरता (2011): 78.82%
- वेबसाइट: www.uk.gov.in
भौगोलिक अवलोकन
उत्तराखंड का क्षेत्रफल 53,483 वर्ग किलोमीटर है, जिसमें 80% पर्वतीय और 20% मैदानी क्षेत्र शामिल है।
- सीमाएँ:
- उत्तर: तिब्बत (चीन)
- पूर्व: नेपाल
- पश्चिम: हिमाचल प्रदेश
- दक्षिण: उत्तर प्रदेश
- प्रमुख भौगोलिक विशेषताएँ:
- पर्वत: नंदा देवी (7,816 मीटर, भारत की दूसरी सबसे ऊँची चोटी)
- नदियाँ: गंगा, यमुना, अलकनंदा, भागीरथी
- हिमनद: गंगोत्री, यमुनोत्री, पिंडारी
- झीलें: नैनीताल, रूपकुंड, भीमताल
- जलवायु:
- प्रकार: हिमालयी, उपोष्णकटिबंधीय
- वर्षा: 1,606 मिमी (औसत)
- तापमान: -5.4°C (मुक्तेश्वर) से 40.2°C (पंतनगर)
- प्राकृतिक संसाधन:
- वन: 64.79% क्षेत्र, शंकुधारी, पर्णपाती
- खनिज: चूना पत्थर, जिप्सम, मैग्नेसाइट
- वन्यजीव: बाघ, हिम तेंदुआ, कस्तूरी मृग
- विशेष:
- यूनेस्को विश्व धरोहर: नंदा देवी और फूलों की घाटी
- चिपको आंदोलन: पर्यावरण संरक्षण का प्रतीक
ऐतिहासिक पृष्ठभूमि
उत्तराखंड का इतिहास प्राचीन काल से समृद्ध है।
- प्राचीन काल:
- पौराणिक उल्लेख: स्कंद पुराण में केदारखंड और मानसखंड
- कुबेर: अलकापुरी (बद्रीनाथ) की राजधानी
- मध्यकाल:
- कुमाऊँ: चंद राजवंश (10वीं सदी-1790)
- गढ़वाल: पंवार वंश, श्रीनगर राजधानी
- 1790-1815: गोरखा आधिपत्य
- 1815: अंग्रेजी शासन
- आधुनिक काल:
- 1949: टिहरी रियासत का भारत में विलय
- 2000: उत्तराखंड राज्य की स्थापना
- विशेष:
- उत्तराखंड आंदोलन: रामपुर तिराहा गोलीकांड (1994)
- चिपको आंदोलन: 1970, पर्यावरण संरक्षण
जनसांख्यिकी और भाषाएँ
उत्तराखंड की जनसंख्या (2011) 1.01 करोड़ है।
- धर्म (2011):
- हिंदू: 83%
- मुस्लिम: 13.9%
- सिख: 2.34%
- अन्य: ईसाई, बौद्ध, जैन
- भाषाएँ:
- हिंदी: 89.15%
- गढ़वाली: 23%
- कुमाऊँनी: 20%
- अन्य: जौनसारी, भोटिया
- साक्षरता: 78.82%
- लिंगानुपात: 963♀/1000♂
- प्रमुख समुदाय:
- गढ़वाली, कुमाऊँनी, गुज्जर
- विशेष:
- देहरादून: सबसे अधिक जनसंख्या
- ग्रामीण: 69.77%
संस्कृति
उत्तराखंड की संस्कृति हिमालयी परंपराओं और वैदिक प्रभावों का मिश्रण है।
- कला और शिल्प:
- ऐंपण: पारंपरिक रंगोली
- काष्ठकला: मंदिरों, घरों में नक्काशी
- नृत्य: छोलिया, झोड़ा, झुमैला
- संगीत और साहित्य:
- लोक गीत: न्योली, जागर
- वाद्य: ढोल, दमुआ, रणसिंगा
- साहित्य: लोक गाथाएँ, मालसाई
- त्योहार:
- हरेला: फसल उत्सव
- नंदा देवी राजजात: 12 वर्ष में एक बार
- कुंभ मेला: हरिद्वार, 12 वर्ष में
- भोजन:
- प्रमुख व्यंजन: आलू का झोल, बाल मिठाई, मंडुए की रोटी
- विशेषताएँ: पौष्टिक, दाल-आधारित
- पहनावा:
- महिलाएँ: घाघरा, पिछौड़ा
- पुरुष: कुर्ता, चूड़ीदार
- विशेष:
- योग राजधानी: ऋषिकेश
- लोक सिनेमा: “तेरी सौं” (2003)
अर्थव्यवस्था
उत्तराखंड की अर्थव्यवस्था कृषि, पर्यटन, और पनबिजली पर आधारित है।
- कृषि:
- प्रमुख फसलें: धान, गेहूं, मंडुआ
- क्षेत्र: 7.84 लाख हेक्टेयर
- विशेष: जैविक खेती
- उद्योग:
- प्रमुख: हस्तशिल्प, फार्मास्यूटिकल्स
- केंद्र: सिडकुल (हरिद्वार, रुद्रपुर)
- खनन:
- चूना पत्थर, जिप्सम, डोलोमाइट
- पर्यटन:
- योगदान: 25% GSDP
- आकर्षण: चार धाम, नैनीताल, मसूरी
- विशेष:
- टिहरी बांध: भारत का सबसे ऊँचा बांध
- पनबिजली: 3,600 MW क्षमता
यातायात
- सड़क:
- कुल लंबाई: 21,490 किमी
- राष्ट्रीय राजमार्ग: NH-7, NH-58
- रेल:
- प्रमुख स्टेशन: देहरादून, हरिद्वार, काठगोदाम
- हवाई:
- हवाई अड्डे: जॉली ग्रांट (देहरादून), पंतनगर
- हेलीपैड: केदारनाथ, अगस्त्यमुनि
- विशेष:
- चार धाम रेल परियोजना
- पवनहंस हेलीकॉप्टर सेवा
पर्यटन स्थल
उत्तराखंड अपने तीर्थस्थलों और प्राकृतिक सौंदर्य के लिए विश्व प्रसिद्ध है।
- धार्मिक स्थल:
- छोटा चार धाम: केदारनाथ, बद्रीनाथ, गंगोत्री, यमुनोत्री
- हरिद्वार: हर की पौड़ी, कुंभ मेला
- हेमकुंड साहिब: सिख तीर्थ
- प्राकृतिक स्थल:
- नैनीताल: झील, हिल स्टेशन
- मसूरी: “पहाड़ों की रानी”
- फूलों की घाटी: यूनेस्को विश्व धरोहर
- वन्यजीव:
- जिम कॉर्बेट: भारत का पहला राष्ट्रीय उद्यान
- राजाजी: हाथी, बाघ
- विशेष:
- औली: स्कीइंग डेस्टिनेशन
- रूपकुंड: “कंकाल झील”
प्रशासन
- राजधानी: देहरादून (अंतरिम), भराड़ीसैंण (प्रस्तावित)
- जिले: 13
- गढ़वाल मंडल: 7
- कुमाऊँ मंडल: 6
- राजनीति:
- प्रमुख दल: BJP, कांग्रेस
- विधानसभा: 70 सीटें
- विशेष:
- उत्तराखंड उच्च न्यायालय: नैनीताल
- स्थापना दिवस: 9 नवंबर
शिक्षा
- साक्षरता: 78.82%
- प्रमुख संस्थान:
- विश्वविद्यालय: IIT रुड़की, गढ़वाल विश्वविद्यालय
- अन्य: भारतीय सैन्य अकादमी, FRI देहरादून
- विशेष:
- दून स्कूल: भारत का प्रतिष्ठित बोर्डिंग स्कूल
- ऋषिकेश: योग शिक्षा केंद्र
खेल
- लोकप्रिय: क्रिकेट, हॉकी
- साहसिक: ट्रेकिंग, राफ्टिंग
- विशेष: औली स्कीइंग, ऋषिकेश राफ्टिंग
संचार और समाचार माध्यम
- समाचारपत्र: अमर उजाला, दैनिक जागरण
- टेलीविजन: DD उत्तराखंड
- रेडियो: आकाशवाणी देहरादून
- विशेष:
- डिजिटल कनेक्टिविटी में सुधार
समस्याएँ और संभावनाएँ
- चुनौतियाँ:
- पलायन: पहाड़ी क्षेत्रों से मैदानों की ओर
- प्राकृतिक आपदाएँ: भूस्खलन, बाढ़
- बुनियादी ढांचा: ग्रामीण क्षेत्रों में कमी
- संभावनाएँ:
- पर्यटन: वैश्विक तीर्थ और साहसिक गंतव्य
- पनबिजली: नवीकरणीय ऊर्जा
- जैविक खेती: निर्यात संभावना
निष्कर्ष
उत्तराखंड, अपनी प्राकृतिक सुंदरता, धार्मिक महत्व, और सांस्कृतिक समृद्धि के साथ, भारत का एक अनमोल रत्न है। छोटा चार धाम और हरिद्वार इसे तीर्थयात्रियों का स्वर्ग बनाते हैं, जबकि नैनीताल, मसूरी, और जिम कॉर्बेट प्रकृति प्रेमियों को आकर्षित करते हैं। पर्यटन, पनबिजली, और जैविक खेती में अग्रणी, उत्तराखंड पलायन और प्राकृतिक आपदाओं जैसी चुनौतियों के बावजूद प्रगति के पथ पर है। यह देवभूमि आध्यात्मिकता और प्राकृतिक वैभव का प्रतीक है।